एम०ए० अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ: सदानन्द कुमार आनंद के द्वारा शिक्षा को लेकर दिए गए विशेष सन्देश।

विशेषज्ञ की राय :- व्यक्तित्व के विकास के लिए शिक्षा को गंभीरता से ग्रहण करने की आवश्यकता है। तभी हमारे राष्ट्र विकसित श्रेणी से कई गुना ज्यादा आगे बढ़ सकता है। अर्थशास्त्र समझने का विषय है जिसके अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। अर्थशास्त्र अपने आप में जितना कठिन है उतना ही सरल भी है विद्यार्थियों को इन पर ध्यान देने की जरूरत है। स्नातक के तैयारी करने वाले अर्थशास्त्र के सभी विद्यार्थियों को अच्छे से तैयारी करने के लिए और अधिक से अधिक अंक को प्राप्त करने के लिए। थ्योरी के साथ-साथ डायग्राम पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है तथा मैथमेटिकल के किताब को अच्छे तरीके से ध्यान से पढ़ने और समझने की जरूरत है। अर्थशास्त्र के प्रकार के बीच अंतर के बारे में आप जानेंगे। व्यक्ति या सूचना अर्थशास्त्र जहां एक उपभोक्ता एक फर्म के व्यवहार और उसकी निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन करती है वही व्यष्टि या व्यापक अर्थशास्त्र पूरे समाज देश और उद्योग का अध्ययन करती है ” चूंकि हमारी जरूरत असीमित है और संसाधन सीमित है। मानव जीवन में गरीब होने का भी बहुत सारे कारण होते हैं इसलिए देश के वर्तमान भविष्य विद्यार्थियों को विशेष रूप से इन विषयों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अर्थशास्त्र कला समूह में प्राचीनतम तथा विज्ञान समूह में नवीनतम वस्तुतः सभी सामाजिक विज्ञानों की रानी है। इन सभी पर ध्यान देते हुए अपने आप पर खुद निर्णय लेने की जरूरत है।अर्थशास्त्र के अध्ययन का सैद्धान्तिक व व्यावहारिक महत्व दोनों है। सैद्धान्तिक महत्व के अर्न्तगत इसके अध्ययन से अनेक आर्थिक घटनाओं की जानकारी होती है। जिससे ज्ञान में वृद्धि होती है। जैसे- देश में धन के असमान वितरण के कारण व परिणाम की जानकारी प्राप्त हो सकती है। मेरा मानना है कि अर्थशास्त्र का सबसे अच्छा उपयोग बाजार की विफलता पर काबू पाने के लिए समाधान प्रदान करना है। उदाहरण के लिए, शहर के केंद्र में गाड़ी चलाने से प्रदूषण और भीड़भाड़ जैसी नकारात्मक बाहरी चीजें पैदा होती हैं। अति उपभोग है। एक अर्थशास्त्री बाह्यता को आंतरिक बनाने के लिए शहरों में ड्राइविंग पर कर का सुझाव दे सकता है। अर्थशास्त्र अध्यापन का आधुनिक समय में बहुत महत्व है। यह विद्यार्थियों को आर्थिक जीवन के आधारभूत सिद्धांतों, नियमों एवं विचारो तथा तथ्यों का ज्ञान प्रदान करने में सहायक होता है।

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