इसे कहते हैं आस्था पर विश्वास का जन सैलाब अद्भुत,अकल्पनिय,अतुल्यनिय,श्रावण मास के पवित्र महीने का अंतिम पड़ने वाले सोमवारी पर भक्ति से ओतप्रोत डाक कांवरियों का जन् सैलाब भागलपुर के विभिन्न गंगा घाटों से जल भरकर भगवा वस्त्र धारण किए हर-हर महादेव,बाबा नगरिया दूर है जाना जरूर है की गगन भेदी जयकारों के साथ उमंग,उत्साह और जोश में रविवार अपराह्न से ही अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े!
इनमें से बहुत से डाक कांवरियों को बाबा नगरी बाबा बासुकीनाथ धाम पहुंचना था,जिसमें सर्वप्रथम स्थान घुंघरू बमों का आता है,जो कत्थी रंग के वस्त्र के साथ घुंघरू के गुच्छे भी बांधे होते हैं और उनके चलने की कला औरों से अलग होती है,पदताल और घुंघरू की रुनझुन की आवाज तालवद,मदमस्त होती है!
दूसरा नंबर आता है लठधारी डाक बमों का ,गेरुआ वस्त्र धारण किए, हाथों में लठ, पीठ पर गंगाजल बाँधे यह भी अपने लंबी दूरी की ओर लक्ष्य साधे बाबा बासुकीनाथ को जल अर्पण करने जाते हैं!
तीसरा नंबर आता है रंग-बिरंगे लाल .पीले .उजले विभिन्न नए परिधानों में सजे डाक बमो का इनकी भी पीठों पर गंगा जल बंधा होता है, लेकिन ये भक्त बाराहाट के लबोंखर बाबा स्थान,अमरपुर के बाबा जेषठ गौर नाथ धाम, धोरैया के बाबा धनकुंड नाथ स्थान पहुंच कर बाबा को जल अर्पण करते हैं कहने का मतलब आस्था एक, उमंग एक, लक्ष्य एक, सिर्फ दूरियां लंबी और मध्यम में सीमित हो जाती है!कल का दृश्य भागलपुर हंसडीहा मुख्य सड़क मार्ग का देखते ही बनता था,जब अपराहन 2:30 बजे के बाद धीरे-धीरे डाक बमो के काफिले में निरंतर बढ़ोतरी होती चली गई और यह संख्या लाखों लाख तक पहुंच गई ऐसा प्रतीत होता था मानो बौंसी से लेकर गंगा घाट भागलपुर तक पूरा सड़क मार्ग भक्तों से पट गया हो! ऐसे में सड़क मार्ग के किनारो पर बने विभिन्न निशुल्क सरकारी व गैर सरकारी नियंत्रण कक्ष व सेवा शिविर के माध्यम से इन डाक बमो की निशुल्क सेवा, चिकित्सा और सुरक्षा का विशेष जिम्मा स्थानीय लोगों संस्थाओं और प्रशासन ने अपने हाथों में ले रखा था आम लोगों और प्रशासन की सामंजस्य,कड़ी मशक्कत का फल सफा था जो यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो गया!अत्यधिक भीड़ की वजह से रायपुर केमिकल फैक्ट्री जगदीशपुर से लेकर पुंसिया तक कई जगहों पर जाम की स्थिति पैदा हो गई लेकिन प्रशासन की तत्परतने इसे नियंत्रण में रखा! आज सभी भक्त करेंगे बाबा पर जलाभिषेक!