जिला प्रशासन की उदासीनता सावन की अंतिम दो सोमवारी पर चल रहे डाक बमो पर पड़ रही भारी! ज्ञात हो की भागलपुर हंसडीहा मुख्य सड़क मार्ग होकर बाबा बासुकीनाथ की दरबारी करने और जल अर्पण करने हेतु सावन माह में पैदल व डाक बमों के रूप में चलने वाले कांवरियों की अपार भीड़ रहती है, ऐसे में 13 माइल, कटियामा ,राजावर, रजौन, पुंसिया की सड़क मार्ग की स्थिति बद से बदतर हो गई है! सड़कों की कंक्रीट उखड़ कर इधर-उधर बिखरी पड़ी है और छोटे-बड़े गड्ढे की गिनती अनगिनत है, ऐसे में एकमात्र विकल्प इस सड़क मार्ग होकर बाबा बासुकीनाथ धाम जाने वाले शिव भक्तों की संख्या को देखते हुए और जिला प्रशासन की उदासीनता पर स्थानीय लोगों सहित डाक व पैदल बम चल रहे भक्तों ने काफी खरी खोटी सुनाई, खासकर डाक बमके चेहरों पर स्पष्ट खौफ दिख रहा था, जिसमें उन्होंने अपने पैरों के छाले और गिट्टीयों के गडने से निकल रही खूनो को भी दिखाया और चेहरे पर कनावटी मुस्कुराहट लाते हुए , एक प्रश्न उठाया, क्या यही जिला प्रशासन की व्यवस्था है? इस रास्तों पर चलने वाले कई कांवरिया अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही अपने पैरों को घायल कर लहूलुहान कर बैठे हैं! देखना है अब सावन की अंतिम सोमवारी और पूर्णिमा से पहले जिला प्रशासन इस सड़क मार्ग को व्यवस्थित करने के लिए क्या कदम उठाती है?