रिपोर्ट:-गोपाल जी कश्यप.
रजौन प्रखंड क्षेत्र के धौनी बाजार स्थित निर्मल मात् छाया पब्लिक स्कूल में बीते दिनों सातवीं वर्ग के आवासीय छात्र शिवम कुमार की बेरहमी से पिटाई के मामले में शिक्षा विभाग ने कार्यवाही शुरू कर दी है।
स्कूल के प्रबंधक से स्पष्टीकरण पूछते हुए समग्र शिक्षा के डीपीओ दीपक कुमार ने कहा निजी विद्यालय के संचालन हेतु शिक्षा विभाग से प्रस्वीकृति लेनी अनिवार्य है,जो इस स्कूल के पास नहीं है! जिसकी वजह से आरटीआई एक्ट 2009 और बिहार राज्य बच्चों के मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के सुसंगत धाराओं का उल्लंघन हो रहा है!
24 घंटे के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विद्यालय को सील कर एवं ₹100000 आर्थिक दंड अधिरोपित किया जाएगा!शिक्षा विभाग की नींद अब खुली जब एक बच्चे के अभिभावक ने मारपीट के मामले में शिकायत करने स्थानीय थाना पहुंच गई, लेकिन प्रखंड क्षेत्र में सरकार की गाइडलाइन और प्रस्कृति लिए बिना खुलेआम ऐसे कई शिक्षण संस्थान चल रहे हैं,क्या कभी शिक्षा विभाग ने ऐसे संस्थानों पर गौरतलब किया है?
आईए जानते हैं इस घटना की विस्तृत जानकारी:-
निर्मल गुरुकुल आवासीय विद्यालय धौनी के संचालक ने सातवीं कक्षा के छात्र को चोरी के जुर्म में बबेहरमी से पीट कर चमडी उधेर दी,मामला पहुंचा रजौन थाना। पीडित बच्चे की मां ने संचालक के खिलाफ रजौन थाने में दिए आवेदन में अपने बच्चों को बेरहमी से मारते हुए चमडी उधेड देने की बात कही। इतना ही नहीं उन्होंने पुलिस प्रशासन के सामने ही बच्चे के शरीर से कपड़ा हटाते हुए जख्मों के गहरे निशान को दिखाया।यह निशान उसके हाथ,कमर,जांघ सहित करीब पूरे शरीर पर स्पष्ट दिख रहा था।
आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला:-
रजौन थाना क्षेत्र के धौनी में निर्मल गुरुकुल आवासीय विद्यालय है।जहां गोपालपुर निवासी प्रकाश साह व पूजा देवी का पुत्र शिवम कुमार पिछले 6 वर्षों से हॉस्टल में रहकर पढ़ रहा है।अभी वह वर्ग 7 का विद्यार्थी था।इसी बीच 10 सितंबर 2024 रोज मंगलवार को शाम के वक्त विद्यालय के संचालक प्रीतेश कुमार उर्फ जयशंकर चौधरी और सरवन चौधरी ने शिवम कुमार को निर्दयतापूर्वक मारा,जिसमे शिवम कुमार के शरीर पर कई जगह गहरे जख्म उभर आए।
यह बात कैसे पहुंची बच्चे के अभिभावक तक:-
इसके पीछे भी संचालक द्वारा बीते दिन की घटना छुपाने का स्पष्ट इशारा मिलता है। इस विद्यालय में शिवम की बहन रुचिका कुमारी भी पढ़ती है,जो प्रत्येक दिन घर से आती और जाती है।घर से अपने भाई के लिए वह दूध और नाश्ता भी लेकर आती है। घटना की सुबह जब वह नाश्ता देने अपने भाई के पास जाने लगी तो संचालक ने रुचिका को अपने कक्षा में भेज कर स्वयं नाश्ता लेकर शिवम तक पहुंचाने की बात कही।
लेकिन शिवम अपने शरीर के जख्म को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था,उसके पूरे शरीर में पीड़ा थी।उसने यह संदेशा किसी माध्यम से अपने बहन तक पहुंचवा दिया,तब जाकर यह राज खुली और शिवम की मां पूजा देवी अपने पुत्र से मिलने हड़बड़ाती हुई विद्यालय पहुंची तो उन्होंने अपने बच्चों के पूरे शरीर पर मारपीट में उधेरे गए जख्म को देखकर विचलित होते हुए संचालक से इस घटना की बात जानना चाहिए।
जैसे ही उन्होंने इस घटना के बारे में पूछा,उनसे अभद्रता पूर्ण व्यवहार करते हुए संचालक ने बच्चों को विद्यालय से बाहर करने की बात कही।
बच्चा शिवम कुमार की माने तो विद्यालय प्रांगण में वह खेल रहा था।शाम की वेला थी।इसी दौरान उसके किसी मित्र ने रूम में रखे गोदरेज का दरवाजा खुलने की बात उससे कहा,और कहां गोदरेज का दरवाजा नहीं लग रहा है,जिसका दरवाजा लगाने में मदद मांगी गई।जैसे ही उसने गोदरेज का दरवाजा बंद करने के लिए अपने कमरे में गया,तो कुछ छात्रों ने शिक्षक से जाकर इसकी शिकायत करी की शिवम ने कमरे में रखा गोदरेज का दरवाजा खोला है।
इसके बाद संचालक और शिक्षक ने चोरी करने की बात कहते हुए शिवम को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।शिवम ने कहा मैं चिल्लाता रहा, कहता रहा सर मैंने चोरी नहीं की है,मैंने गोदरेज का दरवाजा नहीं खोला है, लेकिन उन दोनों सरों ने मेरी एक न सुनी।
स्कूल प्रबंधक श्रवन चौधरी ने इसे बेबुनियाद बताया, उन्होंने कहा कि शिवम गलत नीयत से गोदरेज खोल रहा था,जिसकी शिकायत छात्रों ने दी।उसके साथ हल्की मारपीट की गई है।लेकिन इस घटना को बढ़ा चढ़ा कर विद्यालय को बदनाम करने की साजिश की जा रही है।
क्या कहते हैं रजौन थाना अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार:-
पीड़ित बच्चे की मां पूजा देवी ने लिखित आवेदन देकर संचालक और शिक्षक पर बच्चे को बेरहमी से पीटने का आरोप लगाया है।बच्चे के शरीर पर गहरे जख्म के निशान हैं। दिए गए आवेदन पर आवश्यक कार्रवाई करने की बात उन्होंने कही।