स्वास्थ्य विभाग की औपचारिक छापेमारी में बंद दिखी रजौन की सारी डायग्नोसिस सेंटर क्लीनिक और नर्सिंग होम! आखिर क्यों?

(मुख्य सम्पादक) गोपाल जी कश्यप _

जिला पदाधिकारी बांका के निर्देश पर अंचल अधिकारी रजौन मोहम्मद मोइनुद्दीन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.ब्रजेश कुमार एवं तकनीकी मेंबर की उपस्थिति में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम डायग्नोसिस सेंटर एवं क्लीनिक का आज रजौन में छापेमारी की गई बिना लाइसेंस के चलने वाले सारे नर्सिंग होम वाले अपने-अपने नर्सिंग होम को बंद कर रफूचक्कर हो गए बताते चलें कि बांका में और धोरैया में कल की गई छापेमारी अभियान से सारे अवैध नर्सिंग होम वाले पहले से ही अलर्ट मोड में आ गए थे जैसे ही उन्हें पता चला कि आज रजौन की बारी है बिना लाइसेंस वाले सारे नर्सिंग होम ने आज अपनी दुकान खोली ही नहीं इस तरह से छापेमारी अभियान में निकली टीम को कुछ खास हाथ नहीं लगा!

आखिर ऐसे छापेमारी अभियान का मकसद क्या? सरकार की खानापूर्ति या फिर चूहे बिल्ली का खेल! सभी को पता है आए दिन सरकारी हॉस्पिटल के आसपास गोबर छत्ता की तरफ पनप रहे इन नर्सिंग होम ,डायग्नोसिस सेंटर और क्लीनिक का शुद बुध लेने वाला कोई नहीं ,ऐसे में बेखौफ होकर इनका अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। सरकारी हॉस्पिटल के आसपास खुले इन नर्सिंग होम वालों का सरकारी हॉस्पिटल के कर्मियों से काफी अच्छा सांठगांठ रहता है और इन दोनों के बीच कमीशन खोरी की एक निश्चित रेट तय होती है । फिर बताएं यह बात कैसे हजम होगी, जिस रास्ते होकर आए दिन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का आना जाना लगा रहता है और इनसे नजरें इनायत होती रहती है तो फिर यह गोरखधंधा बंद क्यों नहीं हो पाता,एक सोचनीय मुद्दा है ।

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