घटना बांका जिले से सटे महेशाडिह गांव की है जहां जिला मुख्यालय के प्रशासनिक महकमो का विशात बिछा बैठा है और पूरे जिले की कंट्रोलिंग होती है ,लेकिन ऐसी ही जगह पर अगर किसी थाने के वर्दीधारी एसआई बिना महिला सिपाही साथ लिए राजनीतिक सरुख रखने वालों के साथ मिलकर किसी महिला के साथ बदसलूकी करें,तो फिर रक्षक और भक्षक के बीच अंतर क्या रह जाएगा ?
जहां एक तरफ बांका जिला की कमान एक युवा तेज तर्रार ऑफिसर की वजह से चाक-चौबंद व जगमगा रहा है, और बांका जिला नई ऊंचाइयों और बुलंदियों को छू रहा है वही इस तरह की अप्रत्याशित, अशोभनीय घटना एक सोचनीय और गंभीर विषय बन जाता है! मामला 26 जुलाई 2023 रोज बुधवार को अपराहन की बताई जा रही है, जहां एक गरीब और असहाय मड़ैया (बढ़ई )जाति का परिवार दबंगों और प्रशासन की हनक से इस कदर घबराया हुआ है कि अपनी खतियानी बसोबासी जमीन व जान माल की सुरक्षा को लेकर हताश, निराश, बदहवास होकर दर-दर की ठोकरें खा रहा है !
जिला मुख्यालय के पुलिस कप्तान ,बांका थाना, सहित भागलपुर कमिश्नर, भागलपुर डीआईजी और डीजीपी पटना तक को स्पीड पोस्ट के माध्यम से लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है और इन दबंगों से अपनी जान माल की सुरक्षा की प्रार्थना की है ! घर में बहू, बेटी, पत्नी, बच्चे सहित पूरा परिवार डरा सहमा हुआ है, क्योंकि विपक्षी लोग काफी दबंग और पैसे वाले हैं और सबसे बड़ी बात वर्तमान में राजनीतिक सरुख के सबसे ऊपरी पायदान पर है जिनकी तूती प्रशासनिक हनक पर भी भारी पड़ती है ! मामला महेशाडीह गांव में मौजूद खाता संख्या 07 खसरा संख्या 105, 175 रकवा 2 एकड 88 डिसमिल की है,
जिसे इस बढ़ई परिवार ने नमक रोटी खाकर बहुत अर्शों से सहेज कर, संभाल कर आज तक रखा था, जिस पर दबंगों ने अपनी नजर गड़ा दी है और बाजबरन इसे लेने का प्रयास कर रहे हैं ! पीड़ित परिवार अरुण शर्मा पिता विधो शर्मा , उनकी पत्नी सविता देवी , पुत्र वधू ,पुत्री व पोते पोतियो के साथ घटी है, जिनके पास खातयानी जमीन की कागजात सहित जमीन के सारे दस्तावेज मौजूद हैं, बस लाचारी ,कमजोरी और बेबसी इनकी गुनाह है ! अब देखना है कहां तक बिहार सरकार और जिला प्रशासन के आला अधिकारी इन्हें न्याय दिला सकते हैं?