बांका जिला के रजौन में आंगनबाड़ी केंद्र हुआ मलवे में तब्दील. लापरवाही।

रिपोर्ट:-गोपाल जी कश्यप.

मामला बांका जिले के अंतर्गत रजौन प्रखंड क्षेत्र के संझा श्यामपुर पंचायत का है, जहां समेकित बाल विकास सेवा परियोजना रजौन बांका आंगनबाड़ी केंद्र रेपुरा केंद्र संख्या 8 की भवन बुधवार देर रात्रि 9:00 बजे भर भरा कर जमीनदोष हो गई, गनीमत रही कि उस वक्त बच्चों का पठन-पाठन का समय नहीं था । ग्रामीणों की अगर माने तो यह भवन 1997 में 1,62000 रुपए की लागत से बनाई गई थी जिसके बाद से इसमें रिपेयरिंग का काम आज तक नहीं हुआ था। आंगनवाड़ी भवन की स्थिति जर्जर हो गई थी, आगे से छत झुक चुका था, जिसकी शिकायतें ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों सहित प्रखंड कार्यालय में की थी ।

आईए जानते हैं विस्तृत जानकारी : – यह घटना रजौन प्रखंड क्षेत्र के संझा श्यामपुर पंचायत के अंतर्गत पड़ने वाला वार्ड संख्या एक जोहराचक रैयपुरा कहलाता है। जहां एकमात्र आंगनबाड़ी केंद्र की भवन बुधवार रात्रि 9:00 बजे अचानक भर भरा कर जमीनदोष हो गई। गनीमत रही कि यह वक्त सुबह विद्यालय में बच्चों के पढ़ने का नहीं था, वरना यहां मौजूद सेविका, सहायिका सहित नामांकित 40 छोटे-छोटे मासूम बच्चों की जान आफत में आ जाती और करुण चीत्कार से पूरा गांव काँप उठता। कहने का तात्पर्य यह है कि पुराने आंगनबाड़ी केंद्र की बनी भवन जिसका अस्तित्व अब लगभग समाप्त हो चुका है।

जिसकी छतो की चट्टानें रह-रह कर गिर रही हो, छड अंदर से दिख रहा है , वहां 40 बच्चों सहित विद्यालय कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। अभी भी प्रखंड क्षेत्र के कई आंगनबाड़ी केंद्रो के भवन की स्थिति जर्जर है ,वहीं प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय सहित उच्च विद्यालय की भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है। सूचना मिलते ही संझा श्यामपुर पंचायत के पूर्व मुखिया व वर्तमान मुखिया प्रतिनिधि परशुराम मंडल ने मौके पर पहुंचकर उक्त जमीनदोष आंगनबाड़ी भवन का जायजा लिया ।

आंगनबाड़ी केंद्र भवन के गिरने पर प्रश्न पूछने पर उन्होंने बतलाया कि मैं आमसभा में ग्रामीणों की बातों को रखते हुए इस प्रकरण को उठाया है। लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस पहल नहीं हो पाई थी। गनीमत रही कि यह भवन बुधवार को रात्रि के 9:00 बजे डह गई अन्यथा अगर यह विद्यालय पठन-पाठन के समय घटना घटती तो एक बहुत बड़ा हादसा संभव तय था। मैं ईश्वर का ऋणि हूं जो यह भयानक हादसा टल गया। वहीं सेविका पति ने जानकारी दी की रात्रि ही सेविका ने इसकी जानकारी एलएस रजौन को मोबाइल के माध्यम से दे दी थी सीडीपीओ रजौन का फोन रिसीव नहीं हुआ ।आगे एलएस लिखित रूप से आवेदन देने की बात कही है। समाचार प्रेषित किए जाने तक उक्त डिपार्टमेंट से संबंधित कोई भी पदाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे थे।

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