बिहार के गांवों में भी अब शहरों जैसी सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएगी। नीतीश सरकार ग्राम पंचायतों को साढ़े 6 हजार करोड़ रुपये जारी करेगी। यह राशि छठे राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में पंचायती राज संस्थाओं को जारी की जाएगी।पंचायतों के मुखिया इस राशि का उपयोग अपने गांव में विकास कार्यों के लिए खर्च करेंगे। इसके तहत गांवों में भी शहरों की तर्ज पर बेसिक सुविधाएं दी जाएंगी।
वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि छठे वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य की त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को 29876 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस राशि का भुगतान वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 के बीच किया जाना है। इस आधार पर साल 2023-24 में 6500 करोड़ की राशि दी जाएगी। जबकि अगले साल 2024-25 में 8 हजार करोड़ जारी किए जाएंगे। इन सभी पैसों का उपयोग जनोपयोगी कार्यों में किया जाएगा।राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली राशि के जरिए गांवों में कई तरह के विकास कार्य कराए जाएंगे।
पंचायतों में खेल के मैदान, गार्डन में ओपन जिम, सोलर स्ट्रीट लाइट, शवदाह गृह, बस और ऑटो स्टैंड, यात्री शेड, सामुदायिक भवन आदि का निर्माण कराया जाएगा।टाइड ग्रांट के तहत स्वच्छता के प्रति ठोस व तरल अवशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता के लिए गलियों का पक्कीकरण व नाली निर्माण, पेय जलापूर्ति, वर्षा जल संचय के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना का अनुरक्षण व रखरखाव और सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार सहित छठ घाट का निर्माण आदि कार्य किए जाएंगे। वहीं, पंचायत सरकार भवन के लिए भी राशि सुरक्षित रखी जाएगी।बता दें कि सरकार की ओर से यह राशि पंचायती राज संस्थाओं को सीधे ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी। इस साल छठे राज्य वित्त आयोग के तहत नगर निगमों समेत अन्य स्थानीय निकायों को भी 5 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि मिलने वाली है।