चौसर के खेल का नाम सुना होगा आपने ,कभी-कभी शतरंज की विशाद पर बैठने वाला खिलवाड़ खुद के फेंके पासे में ही फंस जाता है। विगत कुछ दिनों से उत्क्रमित उच्च मध्य विद्यालय तिलवाड़ा सनहौला भागलपुर का एक मीट चावल खाने का वीडियो बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था पदाधिकारी संग शिक्षकों की मंडली मीट चावल खाने के प्रकरण को बड़ी ही बारीकी से सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था जिससे संबंधित विभाग की खूब खिल्लियां उडी थी।
इस घटना के उपरांत उक्त विद्यालय के वर्तमान प्रभारी प्रधानाध्यापक श्यामनंदन सिंह ने जो खुलासा किया उससे पैरों तले जमीन खिसक गई, उन्होंने बतलाया कि प्रधान शिक्षिका शीला कुमारी द्वारा उन्हें अभी तक प्रभार नहीं सोपा गया है जिसकी सूचना लिखित रूप में उन्होंने उच्च पदाधिकारी को दी थी जिस पर संज्ञान लेने विद्यालय पहुंचे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों ने ग्रामीणों के घर में भोजन बनाकर खिलाने का आग्रह किया था इसी क्रम में पूर्व प्रभारी शिक्षिका शीला कुमारी अपने सहयोगियों की मदद से पूर्व रचित साजिश के तहत भोजन करते वक्त का वीडियो बनाकर इसे गलत रूप से लोगों के बीच वायरल कर दिया ,
परंतु वास्तविकता और परदे के पीछे रंगमंच पर तैयार किए गए कलाकारों का कारनामा कुछ और ही था जिसकी परख से लोग अनजान थे।13 /12/ 23 को शिक्षिका शीला कुमारी स्कूल प्रांगण विलंब से पहुंची और उपस्थिति पंजी में अपनी अनुपस्थिति देखकर भड़क गई और अपने उग्र व्यवहार से प्रभारी प्रधानाध्यापक को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी तथा अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगी जबकि उनके द्वारा मारपीट का लगाया गया आरोप बे बुनियाद पाया गया, ऐसी कोई भी घटना इस विद्यालय प्रांगण में नहीं घटी थी। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण वीडियो में देखा जा सकता है।
वर्तमान प्रभारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी भागलपुर को प्रभार नहीं दिए जाने की शिकायत 4 /12 /23 , 11/ 12 /23 एवं 13/ 12/ 23 को लिखित रूप से दिया था इसी केप्रतिशोधात्मक और उग्रता शिक्षिका शीला कुमारी के चेहरे पर साफ दिख रही थी।बताते चले कि इस घटना के बाद उक्त प्रभारी शिक्षिका शीला कुमारी के पास लगभग 225000 ला ख रुपए छात्र कोष / विकास कोष की नगद राशि रखने एवं मध्यान भोजन की राशि निकाल कर पुनःइससे संबंधित राशि निकालने का दबाव प्रभारी प्रधानाध्यापक श्यामानंद सिंह पर बनवाया जा रहा था ,
जिसके परिणाम स्वरुप यह तूल पकड़ा। वहीं दूसरी तरफ सचिव काजल देवी ने बतलाया कि मैं मई 2023के तारीख से सितंबर 2023 तक पीपीए पर मेरे द्वारा किसी भी प्रकार का हस्ताक्षर नहीं किए जाने के बावजूद राशि निर्गत कर ली गई जो जांच का एक गंभीर विषय है।वही इस घटना से पूर्व भी शीला कुमारी अनियमितता के आरोप में निलंबन का दंश झेल चुकी है। इन सारे साजिशों को रचने वाली उक्त महिला शिक्षिका प्रभार नहीं सौंपने, पूर्व की राशि को समर्पित नहीं करने और सरकारी सेवक के आचरण के प्रतिकूल व्यवहार करने में संलग्न दिखाई पड़ी ।वहीं अधोहस्ताक्षरी इसमें सर्वथा निर्दोष है
,एवं साजिश का शिकार है।”खबर का दिखा असर” पूर्व प्रधान शिक्षिका शीला कुमारी को जिला शिक्षा पदाधिकारी भागलपुर के पत्रांक 2264 द्वारा दिनांक 26 सितंबर 2022 प्रभार हस्तगत करने हेतु जारी आदेश की अवहेलना और उनके स्वेच्छाचारिता के आधार पर तत्काल उन्हें प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।इस प्रकार अपने द्वारा स्वरचित खेल में अपने कार्य शैली ,व्यवहार और अनियमितता पर खुद बुरी तरह फंस गई शिक्षिका शीला कुमारी और इस प्रकार सस्पेंस से भरे इस कहानी का पटाक्षेप हो गया। और शिक्षा का मंदिर कहलाने वाले विद्यालय शर्मसार होने से बच गया।