रजौन प्रखंड के शहरी क्षेत्र में फल फूल रहा है नशे का गोरख धंधा

रिपोर्ट:-गोपाल जी कश्यप.

रजौन प्रखंड क्षेत्र सहित रजौन मुख्य बाजार, राजावर चौक, तेरह माइल चौक ,पुंसिया मुख्य बाजार, में शराब का डिलीवरी बॉय बेखौफ नशे का कारोबार कर रहा है ,जहां प्रशासन को तनिक भी भनक नहीं है, अगर ऐसा है तो यह किस और इंगित करता है ? क्या डिलीवरी बॉय और पुलिस प्रशासन के बीच कोई अन्ययोन्याश्रय संबंध है, या फिर पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर बड़ी बारीकी से यह अपने कारोबार को नशा सेवन करने वालों तक बहुत आसानी से पहुंचा पाने में सफल हो पा रहा है ।

ऐसे में कुछ स्थानीय नागरिकों, बाजार वासीयों ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा कि जब हमारी आंखें इस अस्त व्यस्त भीड़ में ऐसे डिलीवरी बॉय को पहचान पा रही है तो फिर क्या पुलिस की आंखों पर पट्टी पड़ी हुई है या फिर आंख रहते अंधी बनी हुई है ?

कहते हैं पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते हैं,तो फिर क्यों नहीं कानून की हाथ इन नशे के धंधे करने वालों पर नकेल कस रही है? वर्तमान समय में रजौन थाने में नए पदस्थापित दरोगा जी चंद्रदीप कुमार ने आते ही कुछ एक कारोबारी , टूट पूंजीये देसी शराब की तस्करी करने वाले को शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा है यह वही लोग हैं जो पहले भी कई बार इस अवैध कारोबार के लिए जेल काट चुके हैं। ऐसे उन्होंने बातचीत के दरमियान इस बात का आभास कराया कि अभी हमें इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और लोगों को समझने में कुछ वक्त लगेगा।

कुछ दिन पूर्व भी मैंने एन एन एम न्यूज़ के माध्यम से मेडिकल स्टोर से परोसे जा रहे प्रतिबंधित नशे के दबा और सिरप के नाम के साथ जिक्र कर प्रशासन को इस ओर सजग होने का एक असफल प्रयास किया था जिसका नतीजा अभी तक ग्राउंड जीरो स्तर पर बेनतीजा रहा, और अभी भी ऐसे मेडिकल स्टोर पर सुबह और शाम युवाओं की भीड़ ऐसे प्रतिबंधित दवाओं को खरीदने के लिए जूटी रहती है। ऐसे में इन नशे के कारोबारी का हौसला और भी बढ़ गया होगा और हमारे युवा पीढ़ी की जिंदगी एक अंधेरी राह की ओर दो कदम और अग्रसर हो गए होंगे। प्रशासनिक स्तर पर एक पहल ,एक मुहिम की जरूरत है ,ताकि अवैध नशे के इस शराब ,प्रतिबंधित दवा और गांजा के कारोबारी के अंदर एक खौफ जागृत हो ताकि वह फिर से इस काम को करने के लिए दोबारा ना सोच सके।

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