मानवीय सेवा से एक बेजुबान बंदर की बची जान,लोगों के बीच बना चर्चा का विषय

रिपोर्ट:-गोपाल जी कश्यप.

उमस और प्रचंड गर्मी ने इस वर्ष सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए क्या आदमी,क्या जानवर, क्या पशु पक्षी सभी बेचैन नजर आ रहे हैं। इस अप्रत्याशित गर्मी में चल रहे गर्म हवा का झोंका ने लू का रूप लेकर कई लोगों की जान ले ली,वही कामकाजी लोगो में सरकारी और गैर सरकारी सहित मजदूर वर्गों के लोग बेहोश होकर गिर पड़ रहे हैं।

रजौन बाजार बस स्टैंड के समीप डॉक्टर बृज बिहारी राव के होम्योपैथीक क्लीनिक में काले मुंह वाला हनुमान घुस कर बेसूद हो लेट गया, जिस पर क्लीनिक में मौजूद डॉक्टर बृज बिहारी राव ने उक्त बंदर की मनः स्थिति भाँपते हुए उसका समुचित इलाज किया और इस परिदृश्य को देखने के लिए क्लीनिक के सामने लोगों की भीड एकत्र हो गई। कुछ समय इलाज के उपरांत बंदर ने जब खुद को बेचैनी से मुक्त पाया तो वापस इमली के पेड़ पर चढ़ गया।

इस प्रकार अगर एक तरफ देखा जाए तो इस दुनिया में अभी भी मानवता बची हुई है,और लोगों के अंदर बेजुबान के प्रति अभी भी सेवा भाव छुपी पड़ी है,इसी सेवा भाव को लेकर बेजुबान जानवरों और पशु पक्षियों के लिए लोग अपने-अपने छतो पर और वृक्षों के आसपास या अन्य सुविधाजनक स्थान पर किसी पात्र में जल भरकर और कुछ अनाजों को छोड़ देते हैं ताकि यह पशु पक्षी भी सुरक्षित रहे और प्यासे ना रहे।

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