एक तरफ डेंगू ,टाइफाइड, मलेरिया के बढ़ते पेशेंट, दूसरी तरफ सरकारी तंत्र की उदासीनता ,इसे कहते हैं लोकतंत्र की आजादी! एक तरफ भारत देश “जी,20” शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर दुनिया को भारत की मजबूती दिख रहा है ,तो दूसरी तरफ लाटसाहिबी का दौर! बांका जिले में डेंगू, टाइफाइड के बढ़ते प्रकोप से एक तरफ लोग गांव शहरों, में डरे हुए हैं ,तो वहीं धोरैया के गौरा उप स्वास्थ्य केंद्र में वर्षों से लटक रहा ताला !
लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूर-दराज जाने को विवश! मालूम हो कि गौरा गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र में एक एएनएम तैनात ह, जिसका 15 सेशन साइड है, जिसकी वजह से यह उप स्वास्थ्य केंद्र हमेशा बंद ही पड़ा रहता है! ग्रामीणों की अगर माने तो वर्षों पहले स्वर्गीय गुरु प्रमोद शाह ने अपनी जमीन दान देकर उप स्वास्थ्य केंद्र की संजीवनी लोगों को भेंट की थी! जिसमें तकरीबन2 साल तक डॉक्टरों ने ग्रामीण मरीजों का उपचार किया, लेकिन अब यह बदहाली की स्थिति में पहुंच चुका है ! कोई भी स्वास्थ्य कर्मी यहां नहीं आता! ऐसी स्थिति में आसपास के ग्रामीणों को 7 किलोमीटर दूर धोरैया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर मजबूरन झोलाछाप के पास पहुंचना पड़ता है!
क्या कहते हैं श्याम सुंदर कुमार दास स्वास्थ्य प्रभारी धोरैया :- धोरैया प्रखंड अंतर्गत गौरा गांव में अवस्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम नहीं है, जिसके कारण उप स्वास्थ्य केंद्र बंद रहता है !
हास्यास्पद:- स्वास्थ्य विभाग को 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की याददाश्त हमेशा रहती है!