रिपोर्ट:-निज संवाददाता बौंसी.
यह तस्वीर है डहुआ पंचायत के बेना गांव का जहां आजादी के 76 वर्ष बाद भी अब तक न पुल है न ही सड़क. बताते चले की इस गांव की आबादी लगभग 500 घरों की है. कुल आबादी तकरीबन 5000 से अधिक है. और एक अल्पसंख्यक गांव होने के नाते अब तक गांव को मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रखा गया है. जिन कारण ग्रामीणों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
खासकर बारिश के दिनों में लोग प्रखंड मुख्यालय आने के लिए भी प्रतिबंधित हो जाते हैं. क्योंकि इस गांव के चारों ओर में से किन्हीं भी और से रास्ता नहीं है. जिस कारण यह लोग बारिश के दिन चाह कर भी नदी पार कर प्रखंड कार्यालय या अन्य जगह नहीं आ सकते हैं.
विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले आना या फिर किसी बूढ़े व्यक्ति को अस्पताल ले जाने आने के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है. इस कारण यहां के ग्रामीण काफी दुखी है. क्या आजादी के 76 वर्ष बाद भी हमें अब तक मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रखा गया है. ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि हम सभी हर चुनाव में बढ़-चढ़कर चुनाव में भाग लेते हैं. मगर अब तक के एक भी जीते हुए जन प्रतिनिधि हमें इन सुविधाओं से मुक्ति दिलाने में असमर्थ हैं. आखिर करें भी तो क्या करें.
आजादी के 76 वर्ष तक अगर किसी प्रतिनिधि का नजर इन गांव पर नहीं पड़ा है तो यह एक लोकतांत्रिक हिसाब से सरकार के ऊपर तमाचा है. क्योंकि अगर सरकार किसी भी योजना को लाती है. जैसे- हर घर नल का जल, हर घर पक्की सड़क, 2022 तक सभी को पक्का मकान देने का वादा और कई योजना इन लोगों के लिए विश्वास करने लायक रह ही नहीं गया है.
और वह भी क्यों ना क्योंकि अगर इतने घर और इतना आबादी रहने के बावजूद सरकार के द्वारा लाभ दिए जाने के बावजूद अगर इन लोगों के घर तक लाभ नहीं पहुंचा है तो जाहिर सी बात है. यह लोग नाराज रहेंगे पंचायत के उप मुखिया उस गांव के वार्ड सदस्य बीवी जेवा खातून के द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा कई दफा सरकार के पास सूचना पहुंचाई गई परंतु अब तक हम लोगों को लाभ से वंचित रखा गया है.
गांव में कुछ ग्रामीण मिले जिनका कहना था कि फूल का इंतजार करते-करते अब हम सभी का उम्र 60-70 वर्ष पूरा कर चुके है मगर अब तक हमें यह इंतजार करना पड़ रहा है. वही गांव के कुछ युवा लोगों के आंखों में एक उम्मीद और चेहरा पर एक आशा दिखाई दे रहा था कि आज नहीं तो कल कभी तो कभी यह सभी सुविधाएं सभी को जरूर मिलेगा गांव के वार्ड सदस्य के द्वारा बताया गया कि उनका यह लड़ाई आगे तक जारी रहेगा जब तक यह सुविधा हम सभी को नहीं मिल जाता है.
ग्रामीणों में वार्ड सदस्य के पति मोहम्मद सोभान अंसारी, जुबेर अंसारी, भूदेव लैया, विदाश्री लैया, पंकज लैया, असलम अंसारी, वार्ड सदस्य जिबराइल अंसारी, हब्बीब अंसारी, मुख़्तार अंसारी, अजीम अंसारी, समाजसेवी सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणो ने सरकार को जल्द से जल्द लाभ पहुंचाने का उम्मीद जताया.